शनि चालीसा Shani Chalisa Lyrics in Hindi – Sampoorna Shani Vandana (Mahendra Kapoor)



Shani Chalisa lyrics in Hindi, Sung by Mahendra Kapoor, lyrics written by Dr. B.P. Vyaas and music composed by Kirti Anurag, Shailender Bharti.

Shani Chalisa Lyrics

Shani Chalisa Song Details

SongShani Chalisa
SingerMahendra Kapoor
LyricsDr. B.P. Vyaas
MusicKirti Anurag, Shailender Bharti
LabelT-Series

Shani Chalisa Lyrics



दोहा

जय गणेश गिरिजा सुवन
मंगल करण कृपाल
दीनन के दुःख दूर करी
कीजै नाथ निहाल
जय जय श्री शनिदेव प्रभु
सुनहु विनय महाराज
करहु कृपा हे रवि तनय
राखहु जन की लाज

चालीसा

जयति जयति शनिदेव दयाला
करत सदा भक्तन प्रतिपाला
चारी भुजा तनु श्याम विराजे
माथे रतन मुकुट छबि छाजै
परम विशाल मनोहर भाला
टेढ़ी दृष्टि भृकुटी विकराला
कुण्डल श्रवण चमाचम चमके
हिय माल मुक्तन मणि दमके
कर में गदा त्रिशूल कुठारा
पल बिच करै अरिहिं संहारा
पिंगल कृष्वे छाया नंदन
यम कोणस्थ रौद्र दुःखभजन
सौरी मन्द शनि दश नामा
भानु पुत्र पूजहिं सब कामा
जा पर प्रभु प्रसन्न हवें जाहीं
रंकहूँ राव करैं क्षण माहीं
पर्वतहू तृण होई निहारत
तृणहू को पर्वत करि डारत
राज मिलत बन रामहिं दीन्हयो
कैकेइहुँ की मति हरि लीन्हयो
बनहूँ में मृग कपट दिखाई
मातु जानकी गई चुराई
लखनहिं शक्ति विकल करिडारा
मचिगा दल में हाहाकारा
रावण की गतिमति बौराई
रामचन्द्र सों बैर बढ़ाई
दियो कीट करि कंचन लंका
बजि बजरंग बीर की डंका
नृप विक्रम पर तुहि पगु धारा
चित्र मयूर निगलि गै हारा
हार नौलखा लाग्यो चोरी
हाथ पैर डरवाय तोरी
भारी दशा निकृष्ट दिखायो
तेलिहिं घर कोल्हू चलवायो
विनय राग दीपक महं कीन्हयों
तब प्रसन्न प्रभु ह्वै सुख दीन्हयों
हरिश्चन्द्र नृप नारि बिकानी
आपहुं भरे डोम घर पानी
तैसे नल पर दशा सिरानी
भूंजीमीन कूद गई पानी
श्री शंकरहिं गह्यो जब जाई
पारवती को सती कराई
तनिक विलोकत ही करि रीसा
नभ उड़ि गयो गौरिसुत सीसा
पाण्डव पर भै दशा तुम्हारी
बची द्रौपदी होति उघारी
कौरव के भी गति मति मारयो
युद्ध महाभारत करि डारयो
रवि कहँ मुख महँ धरि तत्काला
लेकर कूदि परयो पाताला
शेष देवलखि विनती लाई
रवि को मुख ते दियो छुड़ाई
वाहन प्रभु के सात सजाना
जग दिग्गज गर्दभ मृग स्वाना
जम्बुक सिंह आदि नख धारी
सो फल ज्योतिष कहत पुकारी
गज वाहन लक्ष्मी गृह आवैं
हय ते सुख सम्पति उपजावैं
गर्दभ हानि करै बहु काजा
सिंह सिद्धकर राज समाजा
जम्बुक बुद्धि नष्ट कर डारै
मृग दे कष्ट प्राण संहारै
जब आवहिं प्रभु स्वान सवारी
चोरी आदि होय डर भारी
तैसहि चारि चरण यह नामा
स्वर्ण लौह चाँदी अरु तामा
लौह चरण पर जब प्रभु आवैं
धन जन सम्पत्ति नष्ट करावैं
समता ताम्र रजत शुभकारी
स्वर्ण सर्व सर्व सुख मंगल भारी
जो यह शनि चरित्र नित गावै
कबहुं न दशा निकृष्ट सतावै
अद्भुत नाथ दिखावैं लीला
करैं शत्रु के नशि बलि ढीला
जो पण्डित सुयोग्य बुलवाई
विधिवत शनि ग्रह शांति कराई
पीपल जल शनि दिवस चढ़ावत
दीप दान दै बहु सुख पावत
कहत राम सुन्दर प्रभु दासा
शनि सुमिरत सुख होत प्रकाशा

दोहा

पाठ शनिश्चर देव को, की हों भक्त तैयार
करत पाठ चालीस दिन, हो भवसागर पार

More Shani Dev Bhajan

Shani Chalisa Music Video

Related Post




Share on: