झारखण्ड राज्य में कई प्रसिद्ध शिव मंदिर हैं जहाँ पर भक्त अपनी मनोकामना पूरा करने के लिए पूजा अर्चना करते हैं. इन मंदिरों में सबसे ज्यादा भक्तों की भीड़ महाशिवरात्रि के दिन होती है आपको बता दें की प्रत्येक वर्ष हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है इस पावन तिथि को भक्त शिव मंदिरों में जकार पूजा अर्चना करते हैं.
इसके अलावे सावन महीने में भक्त सोमवार के दिन शिव लिंग में जल चढाते हैं. हिंदू धर्म में सावन महीने का विशेष महत्व है. सावन का महीना देवों के देव महादेव को अतिप्रिय है. सावन मास में भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा का विधान है. मान्यता है कि सावन मास में भगवान शंकर की पूजा व सोमवार व्रत करने से मनोकामना पूरी होती है. इस साल सावन का पवित्र महीना जुलाई से शुरू हो रहा है और अगस्त तक रहेगा. ऊपर बताये गए शिव के पावन पर्व पर शिव मंदिरों में भक्तों की काफी भीड़ उमड़ पड़ती हैं.
झारखंड के प्रसिद्ध शिव मंदिर Jharkhand Ke Prasiddh Shiv Mandir
इस पोस्ट में हम आपको Jharkhand Ke Prasiddh Shiv Mandir के बारे में बता रहे हैं. ताकि आप इन प्रसिद्ध शिव मंदिर के इतिहास को जान सकें और कभी मौक़ा मिले तो इन मंदिरों के दर्शन अवश्य करें.
बाबा धाम Baba Dham
वैद्यनाथ मंदिर झारखंड के देवघर जिले में अवस्थित है. यहां स्थित ज्योर्तिलिंग को कामना लिंग भी कहा जाता है. इस मंदिर का पुनरोद्धार गिद्धौर राजवंश के दसवें राजा पूरमल ने कराया था. यहां शिवलिंग की स्थापना रावण ने की थी इसलिए इसे “रावणेश्वर” महादेव कहते है. इस मन्दिर के परिसर में और 21 बड़े मंदिर है. इस मंदिर के मुख्यद्वार के पास ही “बैजू मंदिर” है(बैजू के आदिवासी था जिसने भगवान शिव की भक्तिपूर्वक आराधना की थी).

यह शिव मंदिर झारखंड में सबसे ज्यादा विख्यात है इस शिव मंदिर में सभी जगहों के लोग आते है . इस मंदिर में सबसे ज्यादा सावन के महीने में लोग आते है. सावन के महीनें में यहाँ सबसे ज्यादा भीड़- भाड़ होती हैं.
आपको बता दें की इस मंदिर को “हृदय पीठ” और “चिता भूमि” भी कहा जाता है क्योंकि सती की हृदय यहीं पर गिरी थी और उनका दाह संस्कार भी यही पर हुआ था.
यहाँ पर दुनिया का सबसे लंबा मेला श्रावणी मेला यही पर सावन महीने में लगता है,जब श्रद्धालु अजगेबीनाथ धाम (सुल्तानगंज) से जल लेकर बैद्यनाथ धाम आते है और जल चढ़ाते हैं.
कहा जाता है की यहाँ और शक्ति दोनों का वास है. यह भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है . यह एक सिध्दपीठ है यह खूबसूरत मंदिर भारत के अनमोल धरोहर मे से एक है.
टूटी झरना (Tuti Jharna)
झारखंड के शिव मंदिरों में एक शिव मंदिर रामगढ़ में है. इस मंदिर को टूटी झरना का मंदिर के नाम से जाना जाता है. इस मंदिर में भगवान शिव पर जलाभिषेक गंगा माई द्वारा होती है. पानी कहाँ से आता है और कहाँ जाता है, ये रहस्य की बात है.

कहा जाता है की 1925 ई० में अंग्रेज यहाँ रेलवे लाइन बिछाने का काम कर रहे थे. उस समय अग्रेजों को वहाँ एक शिवलिंग मिला जिसे उन्होंने गढ्ढा खोदकर निकला. शिवलिंग के साथ उन्हें एक सफेद मूर्ति भी मिली जो गंगा माई की थी. इस मंदिर की खास मान्यता यह है. कि यहाँ हर रोज बारह महीनों और चौबीस घंटे शिव जी पर जलाभिषेक होते रहती है.
यह जलाभिषेक खुद गंगा करती है यहाँ शिवलिंग के ऊपर गंगा की प्रतिमा बनी हुई है और उनके दोनों हाथों से होकर पानी बहते हुए शिवलिंग पर गिरती है यहाँ लोग दूर -दराज से पूजा करने आते है. प्रसाद के रूप में वे इस पानी को ले आते हैं. सच्चे मन से कुछ भी मांगने पर यहाँ मुराद पूरी होती है. गंगा पानी को घर लाने से मन की शांति बनी रहती है और बुरे संकटो से रक्षा भी करती है.
बाबा हरिहर धाम मंदिर (Baba Harihar Dham Mandir)
बाबा हरिहर धाम मंदिर गिरिडीह में स्थित है . इस मंदिर में भी शिव जी की ही पूजा होती है . इस मंदिर की खासियत यह है की यहाँ जो शिवलिंग है. वह 65 मी० ऊँचा है इसे बनाने में 30 वर्ष का समय लगा था.

शिवरात्रि में इस मंदिर की सज्जा देखते ही बनती है . शिवलिंग की सजावट में तो चार चाँद लग जाते है. दूर- दराज से यहाँ पूजा करने आते है , मांगते हैं. यह एक स्थल भी है
कैथा शिव मंदिर (Kaitha Shiv Mandir)
यह शिव मंदिर रामगढ़- बोकारो मार्ग में कैथा गाँव में स्थित है. यह मंदिर एक किले नुमा बना होने के कारण बहुत कम लोग इसे जानते हैं. यह किले नुमा मंदिर बंगाल, राजपूत और मुगल के भिक्षित कला का स्थापत्य है.

मुख्य शिवलिंग 12 फीट की ऊँचाई पर है शिवरात्रि में यहाँ लोग पूजा अर्चना करने आते है.
अंगराबड़ी शिव मंदिर (Angrabadi Shiv Mandir)
अंगराबाड़ी का शिव मंदिर रांची से 40 कि०मी० की दूरी पर खूँटी में स्थित है. इसे अमेश्वर धाम अंगराबड़ी कहा जाता है यह राँची सिमडेगा मार्ग में स्थित है इसकी नामकरण शंकरा चार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने दिया था.

महाशिवरात्रि के दिन इस मंदिर का दर्शन करने भक्त काफी दूर -दूर से आते है. प्राकृतिक के आस -पास के वातावरण इस मंदिर की सुंदरता में चार चाँद लगा देते है. यह मंदिर एक विशाल आम के पेड़ के नीचे स्थित है.
पहाड़ी मंदिर (Pahadi Mandir Ranchi)
झारखंड की शिव मंदिर में एक प्रसिद्ध मंदिर पहाड़ी मंदिर भी है. पहाड़ी मंदिर झारखंड की राजधानी रांची में अवस्थित है. पहाड़ी मंदिर रांची की शान है. यह मंदिर फांसी टुंगरी के नाम से भी जाना जाता है. यह मंदिर समुद्र से 2140 फीट ऊँचाई पर स्थित है. मंदिर तक पहुँचने के लिए 300 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती है.

शिव रात्रि के पावन अवसर पर शिव जी की मूर्ति का भव्य श्रृंगार किया जाता है. दूर -दूर से भक्त यहाँ पूजा आराधना करने आते हैं. सावन के महीनें में यहाँ सबसे ज्यादा भीड़ -भाड़ रहती है. पूजा करने के लिए यहाँ लम्बी -लम्बी कतारे लगी रहती है.
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