मैं परदेशी हूँ MAIN PARDESI HOON LYRICS – Udit Narayan, Anuradha Paudwal



Main Pardesi Hoon Lyrics in Hindi (*मैं परदेशी हूँ*), this Devi Hindi Bhajan is sung by  Udit Narayan, Anuradha Paudwal. This Vaishno Devi Bhajan is one of the most popular bhakti songs of Hinduism.

Main Pardesi Hoon Lyrics
Vaishno Mata Bhajan Main Pardesi Hoon Lyrics
AlbumTere Bhagya Ke Chamkenge Taare
SingersUdit Narayan, Anuradha Paudwal
Music LabelT-Series

Main Pardesi Hoon Lyrics in Hindi



हो मैं परदेशी हूँ पहली बार आया हूँ
मैं परदेशी हूँ पहली बार आया हूँ
दर्शन करने मैया के दरबार आया हूँ
पहली बार आया हूँ
पहली बार आया हूँ
मैं परदेशी हूँ पहली बार आया हूँ

आ…
“ऐ लाल चुनरिया वाली बेटी
ये तो बताओ माँ के भवन जाने का रास्ता
किधर से है इधर से है या उधर से”

सुन रे भक्त परदेशी इतनी जल्दी है कैसी
अरे जरा घूम लो फिर लो रौनक देखो कटरा की
जाओ तुम वह जाओ पहले पर्ची कटाओ
ध्यान मैया का धरो इक जयकारा लगाओ
चले भक्तों की टोली संग तुम मिल जाओ
तुम्हें रास्ता दिखा दूँ मेरे पीछे चले आओ
ये है दर्शनी दयोढ़ी दर्शन पहला है ये
करो यात्रा शुरू तुम जय माता दी कहे
यहाँ तलक तो लायी बेटी आगे भी ले जाओ न
के मैं परदेशी हूँ पहली बार आया हूँ
दर्शन करने मईया के दरबार आया हूँ
इतना शीतल जल ये कौन सा स्थान है बेटी
ये है बाड़गंगा पानी अमृत समान
होता तन मन पावन करो यहाँ स्नान
माथा मंदिर में टेको करो आगे प्रस्थान
चरण पादुका वो आयी जाने महिमा जहाँ
मैया जग कल्याणी माफ़ करना मेरी भूल
मैंने माथे पे लगाई तेरी चरणों की धूल
अरे यहाँ तलक तो लायी बेटी आगे भी ले जाओ न
मैं परदेशी हूँ पहली बार आया हूँ
दर्शन करने मैया के दरबार आया हूँ

आ..
तू पौणि पौणि चलता जा भक्ता
जय माता दी करता जा भक्ता
“ये हम कहाँ आ पहुंचे ये कौन सा जगह है बेटी”

ये है आदि कुमारी महिमा है इसकी भारी
गर्भजून बकुपा है कथा है जिसकी न्यारी
भैरो चंडी इक जोगी मास मदिरा हारी
लेने माँ की परीक्षा बात उसने विचारी

मास और मधु मांगे मति उसकी थी मारी
हुई अंतर्ध्यान माता आया पीछे दुराचारी
नौ महीने इसीमें रही मैया अवतारी
इसे गुफा गर्भजून जाने दुनिया ये सारी

“और गुफा से निकलकर माता वैष्णो रानी
ऊपर पावन गुफा में पिंडी रूप मे प्रकट हुई”

धन्य धन्य मेरी माता धन्य तेरी शक्ति
मिलती पापों से मुक्ति करके तेरी भक्ति
अरे यहाँ तलक तो लायी बेटी आगे भी ले जाओ न
मैं परदेशी हूँ पहली बार आया हूँ
दर्शन करने मैया के दरबार आया हूँ

आ…
ओ मेरी मइया इतनी कठिन चढ़ाई
ये कौन सा स्थान है बेटी
देखो ऊँचा वो पहाड़ और गहरी ये खाई
जरा चढ़ना संभल के हत्ते मत्थे की चढ़ाई
टेढ़े मेढ़े रस्ते है पर डरना न भाई देखो
सामने वो देखो सांग छत की दिखाई

“परदेशी यहाँ कुछ खा लो पी लो
बस थोड़ी यात्रा और बाकी है”

ऐसा लगता है मुझको मुकाम आ गया
माता वैष्णो का निकट ही धाम आ गया
अरे यहाँ तलक तो लायी बेटी आगे भी ले जाओ न
मैं परदेशी हूँ पहली बार आया हूँ
दर्शन करने मैया के दरबार आया हूँ

आ…
“वाह क्या सुन्दर नज़ारा है
आखिर हम माँ के भवन पहुंच ही गए न
ये पावन गुफा किधर है बेटी”

देखो सामने गुफा है मैया रानी का दुआरा
माता वैष्णो ने यहाँ रूप पिण्डियों का धारा
चलो गंगा में नहा लो थाली पूजा की सजा लो
लेके लाल लाल चुनरी अपने सर पे बंधवा लो
जाके सिंदूरी गुफा में माँ के दर्शन पा लो
बिन मांगे ही यहाँ से मन इच्छा फल पा लो

“गुफा से बाहर आकर कंजके बिठाकर
उनको हलवा पूरी और दक्षिणा देकर आशीर्वाद पातें हैं
और लौटते समय बाबा भैरो नाथ के दर्शन करने से ही
यात्रा संपूर्ण मानी जाती है”

आज तुमने सरल पे उपकार कर दिया
दामन खुशियों से आनंद से भर दिया
भेज बुलावा भी अगले बरस भी
परदेशी को बुलाओ माँ

हर साल आऊंगा जैसे इस बार आया हूँ
मैं परदेशी ओ मैया मैं परदेशी
परदेशी मैं परदेशी हूँ पहली बार आया हूँ
दर्शन करने मैया के दरबार आया हूँ
आ…

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Main Pardesi Hoon Music Video




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