Swami Samarth Aarti lyrics in Hindi, from the Sung by Sadhana Sargam and music created by J Subhash.
Song: Swami Samarth Aarti
Singer: Sadhana Sargam
Music: J Subhash
Label: Music Nova
Swami Samarth Aarti Lyrics
जय जय सद्-गुरु स्वामी समर्था,
आरती करु गुरुवर्या रे।
अगाध महिमा तव चरणांचा,
वर्णाया मति दे यारे॥धृ॥
अक्कलकोटी वास करुनिया,
दाविली अघटित चर्या रे।
लीलापाशे बध्द करुनिया,
तोडिले भवभया रे॥१॥
यवन पूछिले स्वामी कहाँ है,
अक्कलकोटी पहा रे।
समाधी सुख ते भोगुन बोले,
धन्य स्वामीवर्या रे॥२॥
जाणिसे मनीचे सर्व समर्था,
विनवू किती भव हरा रे।
इतुके देई दीनदयाळा,
नच तव पद अंतरा रे॥३॥
आरती 2
जयदेव जयदेव श्री स्वामी समर्था
आरती ओवाळू चरणी ठेवूनिया माथा !!
जयदेव जयदेव..!!
छेली खेडेग्रामी तू अवतरलासी,
जगदुध्दारासाठी राया तू फिरसी
भक्त वत्सल खरा तू एक होसी,
म्हणूनी शरण आलो तुझिया चरणांसी !!
जयदेव जयदेव..!!
त्रैगुण परब्रम्ह तुझा अवतार,
याची काय वर्णू लीला पामर
शेषादीक शिणले नलगे त्या पार,
तेथे जडमूढ कैसा करु विस्तार !!
जयदेव जयदेव..!!
देवाधिदेव तू स्वामीराया,
निर्जर मूनिजन ध्याती भावे तव पाया
तुजसी अर्पण केली आपली ही काया,
शरणागता तारी तू स्वामीराया !!
जयदेव जयदेव..!!
अघटित लीला करुनी जडमूढ उध्दरीले,
किर्ती ऐकुनी कानी चरणी मी लोळे.
चरण प्रसाद मोठा मज हे अनुभवले,
तुझ्या सूता नलगे चरणावेगळे !!
जयदेव जयदेव..!!
आरती 3
आरती स्वामी राजा।(२)
कोटी आदित्यतेजा।
तु गुरु मायबाप।
प्रभू अजानुभुजा।
आरती स्वामी राजा॥धृ॥
पुर्ण ब्रम्ह नारायण।(२)
देव स्वामी समर्थ।
कलीयुगी अक्कलकोटी।
आले वैकुंठ नायक।
आरती स्वामी राजा॥१॥
लीलया उध्दरिले।(२)
भोळे भाबडे जन।
बहुतीव्र साधकासी।
केले आपुल्या समान।
आरती स्वामी राजा॥२॥
अखंड प्रेम राहो।(२)
नामी ध्यानी दयाळा।
सत्यदेव सरस्वती।
म्हणे आम्हा सांभाळा।
आरती स्वामी राजा॥३॥
आरती 4
जय देव जय देव,
जय जय अवधूता,
हो स्वामी अवधूता।
अगम्य लीला स्वामी,
त्रिभुवनी तुझी सत्ता।।
जय देव जय देव॥धृ॥
तुमचे दर्शन होता जाती ही पापे।
स्पर्शनमात्रे विलया जाती भवदुरिते।
चरणी मस्तक ठेवूनि मनि समजा पुरते।
वैकुंठीचे सुख नाही या परते।।
जय देव जय देव॥१॥
सुगंध केशर भाळी वर टोपी टिळा।
कर्णी कुंडल शोभति वक्षस्थळी माळा।
शरणागत तुज होतां भय पडले काळा।
तुमचे दास करिती सेवा सोहळा।।
जय देव जय देव॥२॥
मानवरुपी काया दिससी आम्हांस।
अक्कलकोटी केले यतिवेषे वास।
पूर्णब्रम्ह तूची अवतरलासी खास।
अज्ञानी जीवास विपरीत भास।।
जय देव जय देव॥३॥
र्निगुण र्निविकार विश्वव्यापक।
स्थिरचर व्यापून अवघा उरलासी एक।
अनंत रुपे धरसी करणे नाएक।
तुझे गुण वर्णिता थकले विधीलेख।।
जय देव जय देव॥४॥
घडता अनंत जन्मे सुकृत हे गाठी।
त्याची ही फलप्राप्ती सद्-गुरुची भेटी।
सुवर्ण ताटी भरली अमृत रस वाटी।
शरणागत दासावर करी कृपा दृष्टी।।
जय देव जय देव॥५॥
Swami Samarth Aarti Lyrics PDF
More Bhakti Songs
- बृहस्पति देव की आरती Brihaspati Dev Ki Aarti
- लक्ष्मी चालीसा Laxmi Chalisa
- श्री सूर्य देव आरती Surya Dev Aarti
- करती हूँ तुम्हारा व्रत मैं Karti Hun Tumhara Vrat Main
- गणपति अथर्वशीर्ष Ganpati Atharvashirsha
- शिव ताण्डव स्तोत्र Shiv Tandav Stotram
- मैली चादर ओढ़ के Maili Chadar Odhke
- कृष्णा कृष्णा है Krishna Krishna Hai
- हे मातृभूमि! हमको वर दो He Matrubhum Humko Var Do
- एक डाल दो पंछी बैठा Ek Dal Do Panchhi Betha
- तेरे द्वार खड़ा भगवान Tere Dwar Khada Bhagwaan
- डगर है मुश्किल Dagar Hai Mushkil Kathin Safar Hai
- शांति मंत्र Shanti Mantra
- प्रभु जी मोरे अवगुण चित ना धरो Prabhu Ji More Avgun Chitt Na Dharo
- ॐ जय जगदीश हरे Om Jai Jagdish
- सर्वेश्वरी जगदीश्वरी Sarveshvari Jagadishvari
- ज्योत से ज्योत जगाते चलो Jyot Se Jyot Jagate Chalo
- रिद्धि सिद्धि के दाता सुनो गणपति Riddhi Siddhi Ke Data Suno Ganpati
- गंगा किनारे Ganga Kinare 2
- मेरे सतगुरु जी तुसी मेहर करो Mere Satguru Ji Tusi Mehar Karo
For more information about the song and its details, check out the Swami Samarth Aarti Bhakti Song music video on the Nova Marathi YouTube channel.