Devi Matangi Stuti Aarti Lyrics



Devi Matangi Stuti Aarti दस महाविद्याओं में देवी मातंगी नवमी महाविद्या मानी जाती हैं। इन्हें प्रकृति की अधिष्ठात्री देवी भी कहा गया है। देवी मातंगी के कई प्रसिद्ध नाम हैं जैसे- सुमुखी, लघुश्यामा या श्यामला, राज-मातंगी, कर्ण-मातंगी, चंड-मातंगी, वश्य-मातंगी और मातंगेश्वरी। गुप्त नवरात्रि के दौरान नवमी तिथि पर देवी मातंगी की विशेष पूजा और साधना की जाती है। आइए, उनकी पूजा और स्तुति के बारे में जानते हैं।

Devi Matangi Stuti Aarti Lyrics



ॐ जय जय मां मातंगी।
श्यामवर्णा, त्रिनयना
मस्तक पर चंद्रमा
चतुर्भुजा, दिव्यास्त्र लिये
रत्नाभूषण धारिणी

गजगामिनी, महाचांडालनी
माँ मातंगी! जय जय मातंगी।
कला, विद्या, ज्ञान प्रदायिनी
मतन्ग कन्या माँ मातंगी
हम साधक शुक जैसे हैं
ज्ञान दिला दो हमको माँ
हम करते तेरा ध्यान निरंतर।
जय जय मां मातंगी।

Devi Matangi Stuti Aarti Lyrics in English

Om jay jay maan maatangii.
Shyaamavarṇaa, trinayanaa
Mastak par chandramaa
Chaturbhujaa, divyaastr liye
Ratnaabhuushaṇ dhaariṇii

Gajagaaminii, mahaachaanḍaalanii
Maan maatangii! Jay jay maatangii.
Kalaa, vidyaa, jñaan pradaayinii
Matang kanyaa maan maatangii
Ham saadhak shuk jaise hain
Jñaan dilaa do hamako maan
Ham karate teraa dhyaan nirantara.
Jay jay maan maatangii.

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